• Login / Register
  • India

    भारत-पाक तनाव के बीच कराची पहुँचा तुर्की युद्धपोत, पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़ी हलचल

    भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अब तुर्की की सैन्य गतिविधि ने दक्षिण एशिया की भू-राजनीतिक स्थिति को और भी अधिक संवेदनशील बना दिया है। हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में रोष व्याप्त है। इसी बीच तुर्की का आधुनिक युद्धपोत TCG Kinaliada (F-514) पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर आकर लंगर डालता है, जिससे भारत-पाक संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय सुरक्षा समीकरणों पर भी प्रभाव पड़ सकता है।

    यह युद्धपोत केवल एक औपचारिक यात्रा पर नहीं आया है, बल्कि इसके आगमन के साथ ही पाकिस्तान नौसेना और तुर्की नौसेना के बीच संयुक्त अभ्यास और रणनीतिक वार्ताएं भी शुरू हो चुकी हैं। विश्लेषकों का मानना है कि यह गतिविधि भारत के लिए एक कूटनीतिक चेतावनी के रूप में देखी जा सकती है, खासकर ऐसे समय में जब भारत ने अपने सीमावर्ती सुरक्षा उपायों को और अधिक कड़ा कर दिया है।

    तुर्की और पाकिस्तान के बीच पहले से ही गहरे रक्षा संबंध रहे हैं। तुर्की पाकिस्तान को नौसैनिक उपकरण, ड्रोन टेक्नोलॉजी और अन्य सैन्य सहायता मुहैया कराता रहा है। अब जबकि तुर्की का युद्धपोत भारत के पड़ोसी देश में उपस्थित है, यह सवाल उठता है कि क्या यह एक संकेत है कि पाकिस्तान वैश्विक मंच पर नए सैन्य समर्थन तलाश रहा है?

    भारत की विदेश नीति हमेशा से ही ‘पड़ोसी पहले’ सिद्धांत पर रही है, लेकिन पाकिस्तान के साथ बार-बार आतंकवाद और सीमा पर तनाव ने द्विपक्षीय संबंधों को कमजोर किया है। तुर्की की यह ‘सामरिक कूटनीति’ भारत के लिए केवल एक रणनीतिक चिंता नहीं बल्कि एक संभावित सुरक्षा चुनौती भी है।

    वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी यह घटना विशेष महत्व रखती है। चीन-पाक गठबंधन, अफगानिस्तान की अस्थिर स्थिति, और अब तुर्की की सीधी सैन्य मौजूदगी – ये सभी घटनाएं भारत को अपने सामरिक दृष्टिकोण पर फिर से विचार करने के लिए बाध्य कर सकती हैं।

    आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत इस घटनाक्रम पर क्या आधिकारिक प्रतिक्रिया देता है, और क्या तुर्की की भूमिका केवल ‘मैत्री संबंधों’ तक सीमित रहेगी या वह दक्षिण एशिया में किसी गहरे भू-राजनीतिक खेल का हिस्सा बनने जा रहा है।

    Leave A Comment